rajasthan karj maafi किसान कर्ज़ माफी: राहुल गांधी का सैन्टा अवतार सरकारी खज़ाने को पड़ेगा भारी - .HIGH SPEED

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rajasthan karj maafi किसान कर्ज़ माफी: राहुल गांधी का सैन्टा अवतार सरकारी खज़ाने को पड़ेगा भारी

मानस मितुल, शेख सालिक़
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनावी वादे को दस दिन के अंदर ही अमली जामा पहनाते हुए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हालिया बनी कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज को माफ कर दिया, वहीं अशोक गहलोत की अगुवाई वाली राजस्थान सरकार ने भी नवंबर 2018 तक लिए गए 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण को माफ करने का ऐलान किया है.

गहलोत सरकार ने फैसला लिया है कि कमर्शियल और ग्रामीण बैंकों से लिया गया किसानों का 2 लाख तक का अल्पकालीन कृषि ऋण माफ होगा, जबकि कॉपरेटिव बैंक का पूरा कर्जा माफ होगा. जिन किसानों ने 30 नवंबर तक लोन नहीं चुकाया है, उन्हें इसका फायदा मिलेगा. इस कर्जमाफी से सरकारी खज़ाने पर 18 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रीय कमलनाथ ने किसानों का बकाया 2 लाख रुपये तक का फसल कर्ज माफ कर दिया गया है. इस कर्ज माफी से लगभग 34 लाख किसानों को राहत मिलेगी. वहीं राज्य सरकार पर इससे 35 हजार करोड़ से लेकर 38 हजार करोड़ रुपये के बीच अतिरिक्त भार पड़ेगा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कन्या विवाह योजना की सहायता राशि बढ़ाकर 51 हज़ार रुपये कर दी है
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी उसी दिन राज्य के लगभग 16.65 लाख किसानों का अल्पकालीन कृषि कर्ज के तौर पर 6100 करोड़ रुपये माफ करने का ऐलान कर दिया. छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक और कॉपरेटिव बैंक से कर्ज लेने वाले किसानों का कर्ज माफ होगा.
कांग्रेस को देखते हुए बीजेपी ने भी ऐसा कदम उठाने का फैसला लिया है. उनकी अगुवाई वाली असम सरकार ने 600 करोड़ रुपये के कृषि कर्ज माफी को मंजूरी दे दी है. जिसमें कहा गया है कि राज्य के लगभग आठ लाख किसानों को इसका फायदा मिलेगा. योजना के मुताबिक, सरकार किसानों के लोन का 25 पर्सेंट (अधिकतम 25 हजार रुपये) माफ करेगी.

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने कृषि कर्जमाफी का ऐलान तो कर दिया, लेकिन इसका असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. इन तीनों राज्यों में अनुमान है कि ऋण माफी की कुल रकम 59,100 करोड़ से 62,100 करोड़ रुपये के बीच होगी.

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ सरकार का 2018-19 के दौरान का कुल बजट 83,179 करोड़ रुपये है. इस वित्तीय वर्ष राज्य का जीडीपी अनुमानित 3,25,644 करोड़ रहेगा. जोकि 2017-18 की तुलना में 11.7 प्रतिशत अधिक है. इस वर्ष में राज्य की कुल देनदारियां जीपीडी का 18.06 फीसदी है. जोकि 58,811 करोड़ रुपये हो जाती है.

कृषि ऋण के ऐलान के साथ ही छत्तीसगढ़ के बजट पर 6,100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. जोकि अनुमानित देनदारियों की तुलना में 1.87 फीसदी है.

छत्तीसगढ़ सरकार ने 2018—19 के राज्य बजट में कृषि योजनाओं के लिए 2,366 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. अगर इस हिसाब से देखें तो कृषि ऋण की राशि कुल कृषि खर्च से दोगुनी से ज्यादा है. पिछली सरकार ने ब्याज मुक्त अल्पकालिक कृषि ऋण के लिए 184 करोड़ रुपये आवंटित किए थे.

राज्य सरकार ने वित्तीय बजट में शिक्षा के लिए 3,180 करोड़ रुपये आवंटित किए थे और सार्वजनिक कार्यों के लिए 3,150 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. इन क्षेत्रों के लिए आवंटित राशि से भी कर्जमाफी की राशि लगभग दोगुनी है.
मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश की कहानी छत्तीसगढ़ से अलग है. बड़े राज्य के हिसाब से यहां का बजट भी बड़ा है. लेकिन उसी हिसाब से राज्य की देनदारियां भी हैं. 2018-19 के लिए राज्य का कुल बजट 1,86,685 करोड़ रुपये है. इस वित्तीय वर्ष राज्य का अनुमानित जीडीपी 8,26,106 करोड़ रुपये रहेगा. इस वर्ष जीएसडीपी का 26.3 प्रतिशत यानी 2,17,265 करोड़ रुपये बकाया देनदारियां है.

मुख्यमंत्री कमलनाथ के कृषि ऋण छूट की घोषणा के बाद राज्य को लगभग 35,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे. इससे राज्य का जीएसडीपी अनुपात 4.23 फीसदी बढ़ेगा. यहां भी कृषि ऋण की राशि शिक्षा के लिए आवंटित राशि से दोगुनी है. जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बजट से चार गुनी है और पूरे ग्रामीण क्षेत्र के विकास के बजट के बराबर है.

कृषि ऋण राज्य के कृषि बजट से ज्यादा है. राज्य में कृषि योजनाओं के लिए अनुमानित राशि 9,260 करोड़ रुपये थी. जिसमें मुख्यमंत्री कृषि समृद्धि योजना के लिए 3,650 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2,000 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री भावंतर योजना के लिए 1,000 करोड़ रुपये शामिल थे.
मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश की कहानी छत्तीसगढ़ से अलग है. बड़े राज्य के हिसाब से यहां का बजट भी बड़ा है. लेकिन उसी हिसाब से राज्य की देनदारियां भी हैं. 2018-19 के लिए राज्य का कुल बजट 1,86,685 करोड़ रुपये है. इस वित्तीय वर्ष राज्य का अनुमानित जीडीपी 8,26,106 करोड़ रुपये रहेगा. इस वर्ष जीएसडीपी का 26.3 प्रतिशत यानी 2,17,265 करोड़ रुपये बकाया देनदारियां है.

मुख्यमंत्री कमलनाथ के कृषि ऋण छूट की घोषणा के बाद राज्य को लगभग 35,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे. इससे राज्य का जीएसडीपी अनुपात 4.23 फीसदी बढ़ेगा. यहां भी कृषि ऋण की राशि शिक्षा के लिए आवंटित राशि से दोगुनी है. जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बजट से चार गुनी है और पूरे ग्रामीण क्षेत्र के विकास के बजट के बराबर है.

कृषि ऋण राज्य के कृषि बजट से ज्यादा है. राज्य में कृषि योजनाओं के लिए अनुमानित राशि 9,260 करोड़ रुपये थी. जिसमें मुख्यमंत्री कृषि समृद्धि योजना के लिए 3,650 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2,000 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री भावंतर योजना के लिए 1,000 करोड़ रुपये शामिल थे.

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