योजना (न्याय) लागू करेंगे। इसके तहत देश के 5 करोड़ परिवार या 25 करोड़
लोगों को सालाना 72 हजार रुपए दिए जाने का वादा किया गया है। उनका दावा है
कि ये योजना देश की 20 फीसदी जनता के लिए है। कांग्रेस के मुताबिक वो सत्ता
में आई तो ये रकम गरीबों के बैंक खाते में डाली जाएगी।
ये रकम 12 हजार रुपए महीने तक की आय वाले गरीब परिवारों को मिलेगी। हर
महीने 6 हजार रुपए की रकम बैंक अकाउंट में डाली जाएगी। इसको न्यूनतम आय
गारंटी और गरीबी हटाने वाली योजना कहा जा रहा है। अगर आप ये सोच रहे हैं कि
कांग्रेस के सत्ता में आते ही गरीबों के खाते में 72 हजार रुपए आ जाएंगे
तो ऐसा बिल्कुल नहीं है।
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि ये न्याय
स्कीम एक साथ लागू नहीं की जाएगी। इसे चरणों में लागू किया जाएगा। गरीबों
को इसके दायरे में धीरे-धीरे लाया जाएगा। इसका अर्थ है कांग्रेस के सत्ता
में आते ही सभी के लिए तुरंत ये स्कीम लागू नहीं हो सकेगी।
- सबसे पहले इसका पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। चिदंबरम ने कहा है कि
इसको लागू करने के लिए समिति बनाई जाएगी। पायलट पूरा होने के बाद अगले चरण
में समिति से राय ली जाएगी। - दरअसल ये पता लगाना मुश्चिकल होगा की 72 हजार रुपए मिलने के बाद कोई
परिवार गरीबी से निकला है या नहीं। गरीबों को ये रकम कितने साल तक मिलेगी
ये भी अभी पता नहीं है। - न्याय योजना की रकम घर की महिला के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इसका
अर्थ है बैंक अकाउंट महिला के नाम पर होना चाहिए। अगर महिला के नाम पर बैंक
अकाउंट नहीं है तो उनको बैंक में जाकर अकाउंट खुलवाने होंगे। - अब इसके खर्च की बात आती है। जानकारों के मुताबिक इसका खर्च भारत के
कुल जीडीपी के 1.8 फीसदी आने की संभावना है। इसका अर्थ है न्याय योजना का
सालाना 3.6 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा। 2019-20 में भारत का कुल जीडीपी
210 लाख करोड़ रुपए आंका गया है। - नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया कहा इस योजना के लिए
सालाना 3.6 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी, जो कि 2019-20 में केंद्र सरकार
के कुल बजटीय व्यय का 13 प्रतिशत है। इतनी बड़ी राशि का इंतजाम करने के
लिए कांग्रेस किस खर्च में कटौती करेगी? इस बारे में हमारे पास कोई ब्यौरा
नहीं है। - इस रकम की व्यवस्था कैसे होगी ये नहीं बताया गया है। मैसाचुसेट्स
इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस
की आय योजना की लागत जीडीपी के 1 प्रतिशत तक होगी जो कि फिलहाल मौजूदा समय
के लिहाज से बजट की गुंजाइश से बाहर की बात है। - पेरिस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब के सह-निदेशक
लुकस चांसेल ने कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह योजना की पूंजी
जुटाने के लिए 0.1 प्रतिशत शीर्ष अमीरों (2.5 करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति
वाले) पर सालाना 2 प्रतिशत का संपत्ति कर लगा सकती है। - कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि ये टॉप अप स्कीम नहीं होगी। इसके तहत
सभी के खाते में रकम डाली जाएगी। टॉप अप का अर्थ है किसी की आय 10 हजार है
तो उसे 6 हजार के बदले सिर्फ 2 हजार रुपए मिलेंगे। ऐसे में उसकी आय 12 हजार
हो जाएगी।
नहीं है। अगर कांग्रेस महागठबंधन के साथ सरकार बनाती है तो वो इस योजना का
समर्थन करेंगे या नहीं अभी इसकी कोई जानकारी नहीं है। जानकारों के मुताबिक
कांग्रेस अकेले अपने दम पर सरकार बनाएगी ये संभव नहीं लगता है।
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