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‘कन्या सुमंगला योजना’ से चलती रहेगी बेटियों की पढ़ाई

मेरठ, जेएनएन। महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में ‘कन्या सुमंगला योजना’ को एक अप्रैल से लागू कर दिया गया है। कक्षा एक से 12वीं तक की छात्रओं को इसका लाभ मिल सके, इसके लिए शिक्षा विभाग ने स्कूलों को परिजनों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। इस योजना का लाभ दो बच्चों वाले परिवार की अधिकतम दो बालिकाओं को जन्म से लेकर कक्षा 12वीं के बाद स्नातक में दाखिला लेने तक मिलेगा।
‘कन्या सुमंगला योजना’ से चलती रहेगी बेटियों की पढ़ाई
छह श्रेणी में मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ लाभार्थी बालिका व उनके परिजनों को छह श्रेणियों में मिलेगा। प्रथम श्रेणी में दो हजार रुपये बालिका का जन्म होने पर मिलेंगे। जिनका जन्म एक अप्रैल 2019 के बाद हुआ है। द्वितीय श्रेणी में एक साल का टीकाकरण पूरा होने पर एक हजार रुपये, तृतीय श्रेणी में दो हजार कक्षा एक में प्रवेश लेने पर, चतुर्थ श्रेणी में दो हजार कक्षा छह में प्रवेश लेने पर, पांचवीं श्रेणी में तीन हजार नौवीं में दाखिला लेने पर और छठी श्रेणी में पांच हजार कक्षा 12वीं के बाद स्नातक या दो वर्षीय या उससे अधिक के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने पर मिलेगा।
इन परिवारों को मिलेगा लाभ
कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत प्रदेश के रहने वाले तीन लाख रुपये सालाना आय के लोग बेटियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। वैसे तो दो बच्चे या अधिकतम दो बेटियों वाले परिवार को ही लाभ मिलेगा लेकिन यदि दूसरी बार जुड़वा बच्चे हों और एक बेटी हो तो उसे इस योजना में शामिल किया जाएगा। यदि किसी ने बेटी को गोद ली है और परिवार में एक और बेटी है तो भी दोनों बेटियों को लाभ मिलेगा। बेटियों की धनराशि सीधे माता के खाते में जाएगा। माता के न रहने पर पिता के खाते में भेजा जाएगा।
ऑनलाइन होंगे आवेदन
योजना में शामिल होने के लिए परिजनों व बालिकाओं को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसमें कक्षा एक से 12वीं तक की कक्षा में पढ़ने वाली बालिकाओं के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
यह है योजना का मुख्य उद्देश्य
  • स्वास्थ्य एवं शिक्षा की स्थिति को सुधारना।
  • प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना।
  • समान लिंगानुपात स्थापित करना।
  • बाल-विवाह की कुप्रथा को रोकना।
  • नवजात कन्या को परिजनों को आर्थिक मदद प्रदान करना।
  • बालिका जन्म के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करना।
  • बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला रखना।

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