Know when is Diwali, what is the auspicious time for Lakshmi-Ganesh worship
दीपावली हर साल अमावस्या को हो मनाई जाती है इस बार 2018 को भी दीपावली अमावस्या 7नवम्बर 2018 को मनाई जायगी / दिवाली त्यौहार को अंधकार पे रौशनी की विजय के रूप में मनाया जाता है इस दिन लोग अपनी सद्भावनाओ से माँ लक्ष्मी व गणेश जी की विधिवत पूजा करते है तो आज हम आपको इसके पीछे के पोराणिक किवदंती के बारे में बताते है
पोराणिक मान्यताओ के अनुसार भगवन राम चोह्द
दीपावली लक्ष्मी पूजन मुहूर्त DIWALI 2018
साल के वन वाष के बाद अयोध्या आय थे तो नगर वाशियों ने अपने भगवन राम माता सीता व लक्ष्मण जी का पूर्ण मनभावानाओ से दिपमालाय जलाकर आदर सत्कार किया था कहा जाता है की इसी दिन भगवन क्रष्ण ने भी राक्षस नरकासुर का वध किया था | प्रभु राम के चोह्द वर्ष वन में काटने के दुःख को भुलाकर नगर वासियों ने पुरे नगर में दीप जलाकर जीवन में फिर से ख़ुशी का दर्पण देखा था मन जाता है की जब भगवन राम अयोध्या से चोह्द साल के लिय वन वाष गय थे तो लोगो को अपना जीवन अंधकार में जीने जैसा प्रतीत होता था | भगवान् राम व माता सीता और लक्ष्मण जी के चोह्द वर्ष वन वाष से आने का इंतजार नगर वालो को चोह्द वर्षो से था मान्यताओ के अनुसार पुरे ब्रह्मांड में एक ही राजपरिवार ऐसा था जो वचन बद था तबी कहते है रघुकुल रित सदा चली आए प्राण जाय पर वचन ना जाए
English
Deepawali is celebrated every year in the new year. Deepawali Amavasya will also be celebrated on November 7, 2018, in the year 2018. Diwali festival is celebrated as the victory of light on darkness. On this day, people worship dhoti of Mother Lakshmi and Ganesh Ji with their goodwill. So today we tell you about the mythological legend behind itAccording to the mythological belief that Ayodhya was the income of Lord Ram after the anniversary of Lord Ram, the city Vashis had felicitated his god Ram Mata Sita and Lakshman ji with full devotion to Goddess Dipmala. It is said that on this day Lord Krishna also performed the demon Narakasur Was killed Forgetting the pain of Lord Ram's forty years in the forest, the city dwellers lit a lamp in the entire town and saw the mirror of happiness again in life. It is believed that when Lord Ayyappa was blessed with the blessings of Lord Ayyappa, Life seemed like living in darkness. According to the belief that the people of Lord Ram and mother Sita and Lakshman ji were coming from the forest for forty years, according to the belief, there was a single royal family in the whole universe, which was a promise that the word was bad, it is said that Raghuqul always goes on the prana jay No promise