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ARMS Licence क्या है केसे ऑनलाइन आवेदन करते है बन्दुक रिवोल्वर लाइसेंस केसे बनवाते है

अक्तूबर 30, 2018
ARMS Licence क्या है केसे ऑनलाइन आवेदन करते है बन्दुक रिवोल्वर लाइसेंस केसे बनवाते है
ARMS Licence

नमस्कार दोस्तों आज जाने गे की आर्म्स लाइसेंस क्या है और केसे ऑनलाइन बनवाते है ARMS लाइसेंस बन्दुक ,रिवोल्वर के लाइसेंस को आर्म्स लाइसेंस खाते है इस लाइसेंस को प्राप्त करने के लिय आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हो इसके लिय आपको अगर आप राजस्थान के निवासी है तो sso से आवेदन कर सकते है अन्यथा आप पोस्ट के लास्ट में दी गई जानकारी पढ़ सकते है राजस्थान के लिय राजस्थान सरकार ने इस प्रकिरिया को ऑनलाइन sso के जरीय कर दिया है इसका आवेदन करने के लिय सबसे पहले आपको एक sso id बनानी पड़ती है उसके बाद sso लॉग इन करना है और ARMS लाइसेंस सर्च करना है जैसे ही आप ARMS लाइसेंस सर्च करते हो आपके सामने आर्म्स लाइसेंस का लोगो आ जायगा आपको उस पर क्लिक करना है उसके बाद आपको रेडिरेक्ट आर्म्स लाइसेंस की वेबसाइट पर ले जायगा वहा आपको guast User पर क्लिक करना है और आपके सामने इस तरह का पेज  आ जायगा

यहा आपको अगर न्यू लाइसेंस बनाना है तो न्यू लाइसेंस बना सकते हो अगर आपको रिन्यू करना हो तो रिन्यू कर सकते हो

---------------------------------------------------------------------------------------------------------      एनी स्टेट 
क्या है बंदूक का लाइसेंस लेने की प्रॉसेस
- एडीएम ऑफिस या कलेक्टोरेट से एप्लीकेशन फॉर्म परचेस करने के बाद यहीं अप्लाई करना होता है। 
- एप्लीकेशन जमा करने के बाद इसे कलेक्टोरेट से एसपी ऑफिस में पुलिस वेरिफिकेशन के लिए फॉरवर्ड किया जाता है। 
- एसपी ऑफिस से इसे संबंधित थाना क्षेत्र में फॉरवर्ड किया जाता है। थाना इंचार्ज एप्लीकेंट का वेरिफिकेशन करता है। एड्रेस सहित दूसरी जानकारियों की डिटेल लेता है। इसके बाद इसे संबंधित एरिया के सीएसपी के पास भेजा जाता है।
- सीएसपी यह निर्णय लेते हैं तो एप्लीकेंट को आर्म्स लाइसेंस देना चाहिए या नहीं। सीएसपी के रिमार्क के बाद वापस एप्लीकेशन एसपी ऑफिस में भेजी जाती है।
- सामान्य पुलिस वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद क्रिमिनल बैकग्राउंड चेक करने के लिए इस एप्लीकेशन को डिस्ट्रिक्ट स्पेशल ब्रांच में भेजा जाता है।
- डीएसबी एप्लीकेंट के क्रिमिनल बैकग्राउंड की पूरी जांच-पड़ताल करते हैं इसके बाद वापस इसे एसपी ऑफिस में रिपोर्ट के साथ भेजा जाता है।
- इसके बाद सभी रिपोर्ट्स हायर अथॉरिटी (ASP, SP) द्वारा देखी जाती हैं। एसएसपी फाइनल डिसीजन लेते हैं।
- एसएसपी के अप्रूवल या डिसअप्रूवल के बाद एप्लीकेशन को एडीएम ऑफिस में भेज दिया जाता है।
- फिर एडीएम ऑफिस से लाइसेंस देने की प्रॉसेस पूरी होती है।
(यह जानकारी इंदौर, पुलिस मप्र की वेबसाइट के मुताबिक है। राज्यों के हिसाब से इसमें थोड़ा बहुत चेंज हो सकता है, हालांकि मोटे तौर पर यही प्रक्रिया सभी जगह लाइसेंस जारी करने के लिए फॉलो की जाती है)

कौन-कौन से डॉक्युमेंट लगाना होते हैं
एड्रेस प्रूफ, एज प्रूफ, फिटनेस सर्टिफिकेट के साथ ही लाइसेंसिंग अधिकारी दूसरे कई डॉक्युमेंट्स की डिमांड कर सकता है। आर्म लाइसेंस की जरूरत और नेचर के हिसाब से भी डॉक्युमेंट्स बुलवाए जा सकते हैं। प्रोहिबिटेड बोर (PB) हथियारों को देने के लिए लाइसेंसिंग अथॉरिटी केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय है। जबकि नॉन प्रोहिबिटेड बोर (NPB) आर्म्स डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और दूसरे डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी द्वारा जारी किए जाते हैं।
रिजेक्ट भी हो सकता है आवदेन
आपका आर्म लाइसेंस रिजेक्ट भी किया जा सकता है। इसके पीछे के रीजन भी आपको बताए जाते हैं। आर्म लाइसेंस के लिए अप्लाई करने के बाद पुलिस संबंधित व्यक्ति के रिकॉर्डस चेक करती है। इसमें देखा जाता है कि पहले व्यक्ति का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड तो नहीं रहा? एड्रेस का सत्यापन किया जाता है।
इसके अलावा भी संबंधित व्यक्ति के बारे में तमाम जानकारियां जुटाईं जाती हैं। जैसे जिस कॉलोनी में आप रह रहे हैं, वहां के दो लोगों से आपके कैरेक्टर के बारे में पूछताछ की जाएगी। यह जांच की जाएगी की कहीं संबंधित व्यक्ति मानसिक या शारीरिक तौर पर बीमार है या नहीं। पुलिस अधिकारी आवेदनकर्ता का इंटरव्यू भी लेते हैं।
सबसे अहम होता है ये सवाल
इंटरव्यू का सबसे अहम प्रश्न यही होता है कि आप बंदूक रखना क्यों चाहते हैं? इसका जवाब अधिकांश लोग यही देते हैं कि यह सेल्फ डिफेंस के लिए जरूरी है। इंटरव्यू के बाद संबंधित व्यक्ति की रिपोर्ट क्रिमिनल ब्रांच के साथ ही नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पास जाती है।
कितनी लगती है फीस
पिस्टल, रिवॉल्वर और रिपिटिंग राइफल के लिए लाइसेंस फीस 100 रुपए है। वहीं रिन्यूअल फीस 50 रुपए है। 22 बोर राइफ लाइसेंस की कीमत 40 रुपए और रिन्यूअल फीस 20 रुपए है। वहीं एमएल गन, एयर गन के लिए 10 रुपए फीस लगती है। रिन्यूअल के लिए 5 रुपए फीस लगती है। अलग-अलग हथियारों की कैटेगरी के हिसाब से फीस अलग-अलग है।

Apply online for the Prime Minister's Fiscal Insurance Scheme or file a complaint प्रधान मंत्री फासल बीमा योजना

अक्तूबर 30, 2018
Apply online for the Prime Minister's Fiscal Insurance Scheme or file a complaint प्रधान मंत्री फासल बीमा योजना
प्रधान मंत्री फासल बीमा योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन 
केंद्र सरकार प्रधान मंत्री फासल बीमा योजना 2018 बीमा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण / आवेदन पत्र आमंत्रित कर रही है। PMFBY योजना के तहत, किसान कृषि बीमा कवर के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और भारी बारिश, प्राकृतिक आपदाओं, कीटों या बीमारियों के कारण उनकी फसलों को क्षतिग्रस्त होने पर वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इच्छुक किसान बीमा प्रीमियम कैलकुलेटर का उपयोग कर प्रीमियम राशि भी जान सकते हैं और pmfby.gov.in पर शिकायत कर सकते हैं।
सरकार किसानों के कल्याण के लिए पुरे देश भर में इस योजना को कार्यान्वित कर रही है। PMFBY योजना के तहत प्रीमियम राशि खरीफ के लिए 2% और पिछले फसल बीमा के तहत बहुत अधिक प्रीमियम की तुलना में रबी फसलों के लिए 1.5% निर्धारित की गई है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 फरवरी 2016 को इस कृषि बीमा / फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी।


PMFBY 2018 खरीफ की फसलों के फसल बीमा के लिए पंजीकरण लाइनें अब खुली हैं और सभी इच्छुक किसान PM फासल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmfby.gov.in पर जाकर खरीफ फसलों के लिए कृषि बीमा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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फसल बीमा के लिए ऑनलाइन आवेदन करें – प्रधान मंत्री फासल बीमा योजना 2018

PMFBY 2018 के तहत कृषि बीमा के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया नीचे दी गई है
  • स्टेप 1 – PMFBY की आधिकारिक वेबसाइट Pmfby.gov.in पर जाएं
  • स्टेप 2 – होमपेज पर, नीचे दिए गए आंकड़े में दिखाए गए अनुसार “किसान कॉर्नर – स्वयं द्वारा फसल बीमा के लिए आवेदन करें” अनुभाग पर क्लिक करें:
  • PMFBY Crop Insurance Farmers




  • स्टेप 3 – किसानों के कोने पर क्लिक करने पर, किसानों के लिए PMFBY फसल बीमा पंजीकरण फॉर्म खुलने पर “अतिथि किसान” टैब पर क्लिक करके एक नया उपयोगकर्ता खाता बनाएं या सीधे क्लिक करे इस लिंक पर
  • स्टेप 4 – वर्ष 2018 के लिए प्रधान मंत्री फासल बीमा योजना के ऑनलाइन आवेदन फ़ार्म निम्नानुसार दिखाई देगा:PMFBY Online Application FormPMFBY ऑनलाइन आवेदन फ़ार्म
  • स्टेप 5 – यहां उम्मीदवारों को किसानों के विवरण, आवासीय विवरण, किसान आईडी, बैंक विवरण दर्ज करना होगा और पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए “उपयोगकर्ता बनाएं” बटन पर क्लिक करना होगा।
  • पंजीकरण करने के बाद, किसान शेष आवेदन फॉर्म भरने और ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर का उपयोग करके लॉगिन कर सकते हैं। उमीदवार को लिंक के माध्यम से प्रधान मंत्री फासल बीमा योजना का विवरण भी देख सकते हैं – PMFBY योजना विवरण
  • PMFBY 2018 – शिकायत / कष्ट

    किसानों की सुविधा के लिए सरकार शिकायत पंजीकरण सहायता भी प्रदान कर रही है। अब किसान सीधे अपनी शिकायतें संबंधित अधिकारियों को भेज सकते हैं। इसके लिए, किसानों को शिकायत पंजीकरण फॉर्म खोलने के लिए “शिकायतें – हमें अपनी समस्याओं के बारे में बताएं” अनुभाग पर क्लिक करने की आवश्यकता है। प्रतिनिधि छवि निम्नानुसार दिखाई देगी:PMFBY Kharif 2018 Complaint RegistrationPMFBY खरीफ 2018 शिकायत पंजीकरण
    शिकायत फॉर्म में सभी विवरण भरें और अपनी शिकायत को भेजने के लिए “सबमिट करें” बटन दबाएं।
  • PMFBY हेल्पलाइन नंबर

    – किसी भी प्रश्न के लिए, किसान 011-23382012 /2715 /2709 पर कॉल कर सकते हैं
    – किसान 011-233810 9 2 पर डायरेक्ट हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं
    – सभी किसान help.agri-insurance@gov.in पर अपना सवाल लिख सकते हैं

    संदर्भ

    — PMFBY 2018 दिशानिर्देश – PMFBY 2018 दिशानिर्देश
    — बीमा योजना की आधार अधिसूचना – यहां क्लिक करें
    — खरीफ 2017 के बाद से पोर्टल पर सभी कवरेज विवरणों के PMFBY अनिवार्य प्रवेश – यहां क्लिक करें
    — PMFBY / WBCIS घोषणा फॉर्म – फॉर्म डाउनलोड करें
    — PMFBY / WBCIS स्वीकार रसीद – स्वीकार प्रारूप
    — राज्य / बैंक / बीमा कंपनी / व्यवस्थापक कैसे बनाएं? – यहां क्लिक करें
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The Central Government is inviting online registration / application for Prime Minister Fasal Insurance Scheme 2018 insurance. Under the PMFBY scheme, farmers can apply online for agricultural insurance cover and due to heavy rains, natural disasters, pests or diseases, their crops can get financial assistance if they are damaged. Interested farmers can also know the premium amount using insurance premium calculator and can complain at pmfby.gov.in.

The government is implementing this scheme throughout the country for the welfare of the farmers. Under PMFBY scheme, premium amount has been fixed at 2% for Kharif and 1.5% for Rabi crops compared to the excess premium under previous crop insurance. Prime Minister Narendra Modi launched this Agricultural Insurance / Crop Insurance Scheme on February 18, 2016.


Registration lines for crop insurance of PMFBY 2018 Kharif crops are now open and all interested farmers can apply online for agricultural insurance for kharif crops by visiting official website of PM False Insurance Scheme pmfby.gov.in.

Ayushman Bharat Yojana Registration – Ayushman Barat Scheme 2018 Apply Online

अक्तूबर 29, 2018
Ayushman Bharat Yojana Registration – Ayushman Barat Scheme 2018 Apply Online
आयुषमान भारत चिकित्सा स्वास्थ्य योजना - प्रधान मंत्री जन आरोग्य अभियान - आयुष भारत यात्रा पंजीकरण ऑनलाइन प्रक्रिया में शायद 5 मिनट लगते हैं। भारत सरकार ने 2018 में भारत में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को बदलने के लिए आयुषमान भारत योजना के रूप में जाना जाने वाला एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। यह आयुष भारत योजना लगभग 10 करोड़ परिवारों को लक्षित करती है जिन्हें गरीब भी कमजोर आबादी के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।

आयुष भारत यात्रा पंजीकरण ऑनलाइन प्रक्रिया

आयुषमान भारत योजना परियोजना में दो प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रम शामिल हैं जिनमें स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र प्रतिष्ठान और राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना भी शामिल है। आयुष भारत यात्रा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन करने की जरूरत है। ऑनलाइन मोड आवेदकों और सरकार के लिए जीवन वास्तव में आसान बनाता है।
आयुषमान भारत योजना ऑनलाइन के लिए रजिस्टर करें प्रधान मंत्री जन आरोग्य अभियान

योग्य और इच्छुक उम्मीदवार अगस्त 2018 से इस परियोजना के लिए आवेदन करना शुरू कर सकते हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि सरकार इस उद्देश्य के लिए एक नया पोर्टल स्थापित करने जा रही है जहां आवेदक और उपयोगकर्ता पंजीकरण, स्थिति की जांच, बीमा दावों और अन्य सभी संबंधित सेवाओं का प्रदर्शन कर सकते हैं। सरकार के करीबी सूत्र बताते हैं कि इस मेगा प्रोजेक्ट का पहला चरण स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त, 2018 को शुरू करना शुरू कर देगा।

आयुषमान भारत योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज आवेदन करें

यह आधार लिंक सुविधा है और प्रत्येक आवेदक के पास इस आयुष भारत यात्रा पंजीकरण ऑनलाइन / योजना के लिए आवेदन करने के लिए आधार कार्ड होना चाहिए। आवेदक को आधार कार्ड की स्कैन की गई प्रतिलिपि भेजने की जरूरत है;

आयुष भारत यात्रा पंजीकरण ऑनलाइन आवेदन पत्र के साथ आपको आय प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र जमा करने की आवश्यकता है। आयुषम भारत योजना पंजीकरण ऑनलाइन आवेदन भेजने के लिए आधिकारिक पोर्टल अब तक शुरू नहीं हुआ है और विश्वसनीय सरकारी स्रोत बताते हैं कि यह जल्द ही पेश होने जा रहा है।

आयुषमान भारत योजना योजना 2018 के लिए योग्यता मानदंड
आयुषमान भारत योजना के लिए योग्यता एसईसीसी सर्वेक्षण के आधार पर है जो 2011 में सरकार द्वारा निष्पादित करती है। इस सूची के अनुसार, ग्रामीण इलाकों से भी 10.74 करोड़ परिवार इस कार्यक्रम के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। सर्वेक्षण कवरों में शहरी श्रमिकों के परिवारों की एक व्यावसायिक श्रेणी की पहचान ग्रामीण परिवारों से वंचित है। एसईसीसी डेटा में किए गए भविष्य में किए गए किसी भी बदलाव आयुष भारत यात्रा पंजीकरण ऑनलाइन / योजना पात्रता के लिए भी लागू होंगे।

आयुषमान भारत योजना पंजीकरण ऑनलाइन परिचालित हो गया है, 18,000 केंद्रों ने भी भारत के विभिन्न हिस्सों में अपना परिचालन शुरू कर दिया है। जब कवर किए गए लाभार्थी परिवार के आकार की बात आती है, तो कोई प्रतिबंध नहीं होगा। यह परियोजना समाज के गरीब वर्गों के बीच समग्र रोगी संतुष्टि में समय पर इलाज के लिए मार्ग प्रशस्त करने जा रही है

आयुषमान भारत योजना पंजीकरण ऑनलाइन की आवश्यकता है


यह कार्यक्रम डिजाइन अन्य बीमा योजनाओं और उपचार के नकद रहित लाभों से जुड़े सभी नुकसान को खत्म करना है। इस योजना के तहत, सभी सरकारी अस्पतालों और चुने गए निजी अस्पतालों के साथ-साथ।


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Ayushman Bharat Medicare Health Yojana  – Pradhan Mantri Jan Arogya Abhiyaan – Ayushman Bharat Yojana Registration Online process hardly takes 5 minutes. The Central Government of India has launched a project known as Ayushman Bharat Yojana in 2018 to transform the primary, secondary and tertiary health care system in India. This Ayushman Bharat Yojana targets around 10 crore families that can be categorized as poor also vulnerable population.

Ayushman Bharat Yojana Registration Online Process

Ayushman Bharat Yojana project comprises two major health programs also they include Health and Wellness Centers Establishment and National Health Protection Scheme. The registration process for Ayushman Bharat Yojana needs to do online. The online mode makes life really easy for the applicants and the government.

Register for Ayushman Bharat Yojana Online | Pradhan Mantri Jan Arogya Abhiyaan

Eligible as well as interested candidates can start applying for this project from August 2018 onwards. It is anticipated that the government is going to set up a new portal for this purpose where the applicants and users can perform the registration, status checking, insurance claims and all other related services. Sources close to the Government reveal that the first phase of this mega project will start rolling on the Independence Day, Aug 15, 2018.

Documents Required For Ayushman Bharat Scheme Apply

It is the Aadhar link facility and every applicant should have an Aadhar card to apply for this Ayushman Bharat Yojana Registration Online/scheme. The applicant needs to send a scanned copy of the Aadhar card;

Along with the Ayushman Bharat Yojana Registration online application form you need to submit income certificate and caste certificate. The official portal for sending the Ayushman Bharat Yojana Registration online application has not start till now and the reliable government sources reveal that it is going to introduce very soon.

Eligibility Criteria For Ayushman Bharat Yojana Scheme 2018
The eligibility for Ayushman Bharat Scheme is on basis of SECC survey that performs by the government in 2011. According to this list, 10.74 crore families belonging to rural also urban areas are eligible to apply for this program. The survey covers identified an occupational category of the families of the urban workers also deprived rural families. Any future changes made in the SECC data will be applicable for the Ayushman Bharat Yojana Registration Online / Scheme eligibility as well.

Ayushman Bharat Yojana Registration Online has become operational also 18,000 centers have started their operations in different parts of India. When it comes to the size of the covered beneficiary family, there will be no restrictions. This project is going to pave the way for timely treatment also increased overall patient satisfaction among poorer sections of the society

Need For Ayushman Bharat Yojana Registration Online


This program design is to eliminate all disadvantages associated with other insurance schemes and the cashless benefits of treatments. Under this scheme, all government hospitals and chosen private hospitals as well.

Latest Updates Download Railway Group D Admit Card 2018

अक्तूबर 29, 2018
Latest Updates Download Railway Group D Admit Card 2018
All the candidates who have successfully submitted Railway Group D application form and looking for Railway Group D Admit Card 2018 will be able to download their call letter before 10 to 7 days of examination. The Railway Group D Exam date has been released and it is expected to be held on 12th Aug, 18th Aug, 26th Aug, 9th Sep, and 16th Sep 2018. When the railway department will release Railway Group D Admit Card 2018 division wise. This is a good opportunity for candidates who want to join Indian Railway department. Railway Recruitment Board has released the application status on 11 July 2018. Although Railway Group D Admit Card 2018 is an identity proof for the examination purpose, it is also mandatory for the candidates to carry their photo identity proof also along with the Railway Group D Admit Card 2018. Railway Group D Admit Card 2018 will work as an entry ticket for the candidates who are going to appear for Railway Group D examination 2018. As soon as the Railway Recruitment Board issues the Railway Group D Admit Card 2018 candidates can download them from the official website of the board where they have applied. Candidates need to keep their login credentials including registration number, date of birth ready to download Railway Group D Admit Card 2018. While waiting for the Railway Group D Admit Card 2018, check out related details such as how to download it, what to do if there is any error and other information.

Railway Group D Admit Card 2018 for scribe:

The candidates having any weaknesses such as visual disability/muscular weakness/ candidates whose writing speed is affected by Cerebral Palsy/ one-armed candidates can opt for the Scribe. A separate Railway Group D Admit Card 2018 will be issued to the respective candidates.

Railway Group D admit card 2018

Railway Recruitment Cell (RRC) has released the notification for the recruitment of various posts in NCR Zone. Candidates who are interested and are willingly waiting for Railway Group D 2018 recruitment can fill the application form. The online application is available within the specified dates i.e. from 10.02.2018 and till 12.03.2018. A large number of candidates are filling the Application Form for Railway Group D 2018 posts as there are huge vacancies.

Railway Group D admit card 2018 Recruitment Process :

• Written Exam • Physical Efficiency Test (PET) • Document and candidature verification • Medical examination

Railway Group D Admit Card 2018 :

The admit card of Railway Recruitment Cell (RRC) Group D posts will be uploaded on the regional websites of RRC. You have to download the same as and when it gets uploaded. In order to download, you will need application details. You can also download your admit card by submitting your name and father name. For all those candidates who have submitted application along with application fee it is necessary to download hall ticket.

Railway Group D Admit Card 2018 :

The weblink for downloading their e-admit card of Railway Group D Admit Card for Written Exam will be provided Soon on the RRC Official website. Candidates who applied for this competitive exam should download their E-admit Card or Hall Ticket to enter the Exam Centre of Group D Preliminary Exam. No Railway Group D admit card 2018 will reach home of Candidates by post, it can only be download in upcoming dates before Exam.

The Exam pattern for Railway Group D admits card 2018 is as follows:

• The exam will be written objective type. • The exam will be of 100 Questions. • The time duration for the exam is 90 Minutes. • The question paper will be based on the subjects like general knowledge/ awareness/ mathematics / reasoning etc. • The question paper will be provided in 15 Languages. • The questions will be of 10th class standard. • There will be negative marking of 1/3 mark. Educational Qualification: 10th/10+2/ ITI from a recognized board            

Railway Group D Admit Card 2018 – Zone Wise Updates

Download Admit Card

Server 1 II Server 2 

होम रजिस्ट्री प्रोपर्टी रजिस्ट्रेसन घर या जमीन की रजिस्ट्री केसे करवाय

अक्तूबर 24, 2018
होम रजिस्ट्री प्रोपर्टी रजिस्ट्रेसन घर या जमीन की रजिस्ट्री केसे करवाय
होम रजिस्ट्री प्रोपर्टी रजिस्ट्रेसन घर या जमीन की रजिस्ट्री केसे करवाय 
अगर आपने कोई प्रोपर्टी खरीदी है या खरीदना चाहते है और उस प्रोपर्टी की पकी सरकारी रजिस्ट्री करवाना चाहते है तो इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़ते रहे घर खरीदने से पहले हमेशा उस जगह की जाच परताल कर ले की खी ये जमीन किसी के वाद विवाद कब्जे में तो नहीं या सरकारी नदी नाले में तो नहीं पूरी जाँच प्रतल के बाद ही हमेशा जमीन या घर ख़रीदे ताकि आगे आपको कोई प्रॉब्लम ना हो क्यों की आप जहा जमीन खरीद कर रहते है वहा आपकी कई पीढ़िय रहेगी तो हमेशा वकिल की सलाह या उस एरीय के पटवारी से एक बार सलाह जरुर ले

प्रोपर्टी रजिस्ट्रेसन कसे करवाय How to proprti register 

सबसे पहले जमीन या घर ख़रीदे वक्त ये जान ले की जहा आप कोई प्रोपर्टी खरीद रहे हो वहा उस एरिया में उस प्रोपर्टी की कीमत क्या है मतलब की मान लो आप कही खरीद रहे हो तो ये जानना बहुत जरुरी है की उस एरीय में जमीन के भाव क्या है और  वहा की सरकारी भाव जान लेना अच्छा होगा ऐसा इस लिय की आपको प्रोपर्टी रजिस्टर करवाने के लिय स्टाम्प  ड्यूटी पेपर बनवानी पड़ती है स्टाम्प ड्यूटी एक तरह का टेक्स होता है जो हमें जमीन की रजिस्ट्री करने पर भुगतान करनी पड़ती ऐसा समझ लो की आपकी जमीन की सोक्योरटी फ़ीस  आपको भरनी होती है |  आपको नॉन  जुडिशल स्टाम्प ड्यूटी पेपर खरना है इस पेपर को खरीदने के लिय आपको आपके नजदीकी कोर्ट आपकी तहसील में या जिले में उपलब्ध हो जायगा वहा से आप इसे खरद सकते है इसकी राशी आपको आपने स्टेट के द्वारा तय की गई भुगतान करनी होगी
जैसे - मान लो आपने घर लिया 10 लाख में और वहा सरकारी भाव के हिसाब से 15 लाख या 10 लाख से कम है तो आपको वहा के सरकारी भाव के हिसाब से स्टाम्प ड्यूटी पेपर बनवाना है
आप चाहे तो ऑनलाइन भी इस स्टाम्प ड्यूटी पेपर बनवा सकते है www.shcilestamp.com/

जमीन के docoment 
इसके बाद आपको जमीन खरीदें व बेचने के docoment की आवश्यता होती है मान लो आपने जमीन खरीदी है तो आपको उस जमीन की लिखावट कोर्ट स्टाम्प पर होनी चाहिय और कोर्ट द्वारा प्रमाणित हो जैसे - नोटेरी आदि जिसमे जमीन खरीदने व बेचने की पूरी जानकारी हो किसने किसको कितनी जमीन बेचीं व कितने रुपय में बेची उस जमीन पर खरीदने से पहले जितने भी लोगो का हक़ था उन सबके हस्ताक्षर व गवाह होने चाहिय

रजिस्ट्रार ऑफिस 
अब आपको सारे docoment के साथ सब रजिस्ट्रार ऑफिस में जाना है जो आपकी तहसील व जिले में उपलब्ध होती है वहा जाकर प्रोपर्टी की रजिस्ट्रेसन करवानी है यहा आपको दोनों को जाना होगा जो जमीन बेच रहा है और जो खरीद रहा है वहा आपको साथ में दो गवाह की भी आवश्यता होती है और docoment आधर कार्ड परिचय पत्र राशन कार्ड आदि रजिस्ट्रार यहा आपके docoment लेकर आपको एक रसिद देगा आपको वह रसीद संभालकर रखनी है इसके बाद आपको कुछ दिनों बाद रजिस्ट्रार जमीन व आपकी कागजी करवाई करके आपको आपकी जमीन की रजिस्ट्री दे देगा
तो आप अपनी जमीन की रजिस्ट्री इस प्रकार करवा सकते है अगर आपको ये जानकारी अछि लगी है तो शेयर करे और ईएसआई ही जानकारी पाने के लिय हमारे youtube चैनल को सब्सक्राइब करे

लक्ष्मी पूजन विधि किसे कहाँ स्थापित करें Step By Step Diwali 2018 दीपावली २०१८ लक्ष्मी पूजन विधि हिंदी

अक्तूबर 23, 2018
लक्ष्मी पूजन विधि किसे कहाँ स्थापित करें Step By Step Diwali 2018 दीपावली २०१८ लक्ष्मी पूजन विधि हिंदी

लक्ष्मी पूजन शुरु से अंत तक 

लक्ष्मी पूजन में जो व्यक्ति पूजा कर रहे हैं उनका मुख पूर्व अथवा उत्तर दिशा में होना चाहिये। वह लाल आसन या कम्बल पर पत्नी तथा परिवार के साथ बैठे । यदि कम्बल या आसन ना हो तो कुश के आसन पर भी बैठ सकते हैं। पूजा करते समय पत्नी हमेशा पति के दाईं ओर बैठे । यदि ब्राह्मण पूजा करा रहे हो तो उनका मुख उत्तर की ओर होना चाहिये। 
दो चौकी या पटरे लें। यदि चौकी उपलब्ध ना हो तो थाली प्रयोग कर सकते हैं। पहले चौकी पर सफेद वस्त्र बिछायें। चौकी के ऊपरी भाग के मध्य में 卐 (स्वास्तिक या सतिया) बनायें। स्वास्तिक के बायीं ओर अर्थात् ईशाणकोण(उत्तर-पूर्व) में ॐ एवं दायीं ओर अर्थात् अग्निकोण(पूर्व-दक्षिण) में श्री: चावल से बनायें अथवा रोली घोल कर लिखें। 

दीपावली 2018 जानीय इसके पीछे के पोराणिक किवदंती के बारे 


laxmi_puja_vidhi
स्वास्तिक के नीचे ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव के निमित्त तीन लम्बी ( खड़ी लकीर) लकीर ऊपर से नीचे की ओर खीचें।
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चौकी के निचले भाग में- वायव्यकोण(उत्तर-पश्चिम) में नवग्रह- मण्डल हेतु चावलों के नौ पुंज या रोली से नौ बिंदु बनायें।
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नैऋत्यकोण (दक्षिण-पश्चिम) के ऊपरी भाग में सप्तमातृका हेतु चावल से त्रिकोण में सात-सात पुंज या रोली से बिंदु बना लें।
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निचले भाग में षोडशमातृका हेतु चावल अथवा रोली घोलकर सोलह बिंदु बनायें।
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नवग्रह-मण्डल एवं षोडशमातृका के बीच सर्प ~~~~~~ की स्थापना करें।
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स्वास्तिक के ऊपर, दोने या एक छोटी कटोरी में, दो सुपारी को अलग-अलग लाल मौली लपेट कर रखें।
चौकी पटरी या थाली ऐसे दिखे ।
laxmi_puja_vidhi

दूसरी चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर रखकर सामने वाली चौकी के दायीं ओर रखें( लक्ष्मी की मूर्ति सदैव गणेश जी के दाहिनें ओर स्थापित की जाती है)। चाँदी के सिक्के को स्थापित करने के लिये एक लाल चावल की ढेरी या अष्टदल (आठ दल / खाने) बनाकर रख सकते हैं। सामने वाली चौकी के बायीं ओर अर्थात् ईशानकोण (उत्तर-पूर्व) में चावल से अष्टदल (आठ दल / खाने) बनाकर, जल से पूर्ण कलश रखें। कलश में दुर्बा, गंगाजल, सुपारी, हल्दीगांठ, द्र्व्य(सिक्का) डालें। उसमें आम का पल्लव(पत्ता) डालें। कलश में कलावा बांधे। पुन: उसके ऊपर चावल से भरा पात्र रखें। पात्र पर, लाल वस्त्र में लपेट कर या कलावा बांधकर नारियल रखें। कलश पर स्वास्तिक/सतिया बना दें। तस्वीर अथवा मूर्तियों के बाईं ओर (अर्थत् पूजक के दाईं ओर) तेल का दीपक, धूपबत्ती तथा दाईं ओर घी का दीपक रखें। प्रसाद, वस्त्र, फल, मिठाई, खील, बतासे, दीपक, भेंट सामग्री इत्यादी सामने की ओर रखें।

पवित्रीकरण करें

पंच-पात्र में से फूल अथवा चम्मच द्वारा थोड़ा जल अपने बाएं हाथ मे लेकर दाएं हाथ की चारों अंगुलियों से पूजा की सारी सामग्री व उपस्थित सभी व्यक्तियों पर जल छिड़कते हुए लिखे हुए मंत्र का उच्चारण कर,सभी सामग्री और उपस्थित जन-समूह के साथ अपने आप को पवित्र कर लें।
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्व अवस्थांगत: अपिवा।
यः स्मरेत्‌ पुण्डरीकाक्षं स वाह्य अभ्यन्तर: शुचिः॥
ॐ पुण्डरीकाक्ष: पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष: पुनातु,
ॐ पुण्डरीकाक्ष: पुनातु।

आचमन विधि :-

पुष्प या चम्मच से दाएँ हाथ में जल लें। अब “ॐ केशवाय नमः” मंत्र का उच्चारण करते हुए जल को पी लें।
फिर पुष्प या चम्मच से दाएँ हाथ में जल लें। अब “ॐ नारायणाय नमः” मंत्र का उच्चारण करते हुए जल को पी लें।
फिर पुष्प या चम्मच से दाएँ हाथ में जल लें। अब “ॐ वासुदेवाय नमः” मंत्र का उच्चारण करते हुए जल को पी लें।
फिर “ॐ हृषिकेशाय नमः” कहते हुए दाएँ हाथ के अंगूठे के मूल से होंठों को दो बार पोंछकर हाथों को धो लें।

पृथ्वी पूजन

अपने दाएँ हाथ मे पुन: थोड़ा जल लेकर लिखे हुए मंत्र का उच्चारण करते हुए जल को पृथ्वी पर छिड़कें तथा पृथ्वी पर सफेद और लाल,चंदन,पुष्प व चावल छोड़ें ।
ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता।
त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु च आसनम्‌॥

दीपक पूजन

अब दीपक प्रज्जवलित कर पुष्प हाथ में लेकर दीपक का ध्यान करते हुए दीप पूजन मंत्र का उच्चारण करें तथा पुष्प दीपक के पास छोड़े ।
भो दीप देवरूप: त्वं कर्मसाक्षी हि अविघ्नकृत्।
यावत् कर्म समाप्ति: स्यात् तावत् अत्र स्थिरोभव ॥


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गुरु वंदना


गुरु का चित्र (गुरु न हो तो महालक्ष्मी को ही गुरु माने) चौकी पर दाएँ हाथ की ओर स्थापित करें।सर्वप्रथम गुरु के चित्र को गीले वस्त्र से पोंछे, उसके बाद रोली,धूप-दीप,चंदन,पुष्पादि चढ़ायें। फिर दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।
गुरु: ब्रह्मा गुरु: विष्णु: गुरु: देवो महेश्वर:।
गुरु: साक्षात्परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।
अखण्ड मण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् ।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः ।।
ॐ गुरुवे नम:। ॐ परम गुरुवे नम:।
ॐ परातार गुरुवे नम:। ॐ परमेश्टी गुरुवे नम:।
ॐ गुरु पंक्ते नम:।

मंगलतिलक

आदित्या वसवो रुद्रा विश्वेदेवा मरुद्गणा:
तिलकं ते प्रयच्छन्तु सर्व कार्य अर्थ सिद्धये॥
इस मंत्र का उच्चारण करते हुए दाएं हाथ से तिलक लगाएं।
इसके बाद मौली को पुरुष की दाई कलाई और स्त्री की बाई कलाई पर बाँधें। मौली बाँधते हुये रक्षा-सूत्र मंत्र का उच्चारण करें ।

रक्षा सूत्र मंत्र:-

येन बद्धो बलिःराजा दानवेन्द्रो महाबलः ।
तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चलः ॥

स्वस्तिवाचन

दाएँ हाथ में अक्षत-पुष्प एवं ताम्बूल लेकर स्वस्तिवाचन करें:-
स्वस्तिन: इन्द्रो वृद्ध श्रवाः ।
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः ।
स्वस्तिन: स्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः ।
स्वस्ति नो वृहस्पति: दधातु ॥
पय: पृथिव्यां पय: ओषधीषु
पयो दिव्यंतरिक्षे पयोधा:।
पयस्वती: प्रदिश: सन्तु मह्यम्।
विष्णो रराटमसि विष्णो: श्नप्त्रेस्थो विष्णो:
स्यू:असि विष्णो: ध्रुवो असि।वैष्णवमसि विष्णवेत्त्वा
ॐ द्यौः शान्ति: अन्तरिक्षग्वं शान्तिः
पृथिवी शान्ति: आपः शान्ति: औषधयः शान्तिः ।
वनस्पतयः शान्ति: विश्वेदेवाः शान्ति: ब्रह्म शान्तिः
सर्वग्वं शान्तिः शान्ति: एव शान्तिः सा मा शान्तिरेधि ॥
ॐ गणानां त्वा गणपति ग्वं हवामहे प्रियाणां त्वा
प्रियपति ग्वं हवामहे निधीनां त्वा निधिपति ग्वं हवामहे
व्वसो मम।आहमजानि गर्ब्भधम् आत्त्वमजासि गर्ब्भधम्।
ॐ अम्बे अम्बिके अम्बालिके न मा नयति कश्चन।
ससस्त्य श्वक: सुभद्रिकां काम्पील वासिनीम्॥
पुष्प,अक्षत एवं ताम्बूल गणेश जी के पास छोड़ दें।

गौरी-ग़णेश स्मरण: -

दाएँ हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर लिखे हुए मंत्र पढें और माता गौरी और गणेश जी का ध्यान करें:-
गजाननं भूतगणादि सेवितं कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम्।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम् ॥
शुक्लाम्बर धरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् ।
प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्व विघ्न उपशान्तये ॥
अभीप्सित अर्थ सिध्यर्थं पूजितो य: सुरासुरै:।
सर्वविघ्नहर:तस्मै गणाधिपतये नम:॥
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥
अक्षत एवं पुष्प गणेशम्बिका पर समर्पित करें।

सभी देवताओं- गौरी,गणेश,विष्णु इत्यादि को नमस्कार :-

हाथ मे अक्षत लेकर नाम के साथ थोड़-थोड़ा अक्षत छोड़ें ।
ॐ सर्वेभ्योदेवेभ्यो नम: (अक्षत छोड़ें)
ॐ सर्वेभ्यो ब्राह्मणेभ्यो नम: (अक्षत छोड़ें)
ॐ मातृ-पितृ चरणकमलेभ्यो नम: (अक्षत छोड़ें)
ॐ एतत् कर्मप्रधानदेवता महालक्ष्म्यै नम: (अक्षत छोड़ें)
॥ इति नमस्कृत्य ॥

संकल्प

अर्घा/पात्र या दाएं हाथ में जल,पुष्प,अक्षत,गंध,द्रव्य(सिक्का/रूपया),पान का पत्ता,सुपारी लेकर दिये हुए मंत्र से संकल्प करें ।
ॐ विष्णवे नम:, ॐ विष्णवे नम:, ॐ विष्णवे नम:, ...... (अपने क्षेत्र/शहर/मुहल्ला/मकान संख्या उच्चारण करें) क्षेत्रे मसोत्तमे मासे कार्तिक मासे कृष्ण पक्षे शुभ तिथौ अमावस्यायां दीपावली पुण्य पर्वणि ( वार का नाम /जिस वार को दीपावली हो ) .... वासरे शुभ पुण्यतिथौ (अपने गोत्र का नाम ) .... गोत्र: (अपना नाम ) ..... नामे Sहं( या फिर जिस कुल से हो जैसे- वर्मा- वर्मणोSहम्, गुप्त-गुप्तोSहम्,) मम सकुटुम्बस्य सपरिवारस्य दीर्घायु: आरोग्यै: ऐश्वर्य आदि वृद्धि अर्थ पुत्र-पौत्रादि सुख प्राप्ति अर्थ आदित्य आदि नवग्रह अनुकूलता सिद्धि अर्थ व्यापार अभिवृद्धि अर्थ, स्थिर लक्ष्मी-प्राप्ति श्रीमहालक्ष्मीप्रीत्यर्थ महालक्षमीपूजनं कुबेरादीनां च अर्थं सर्व अभीष्ट फलाप्राप्ति धर्मार्थकाममोक्ष चतुर्विध पुरुषार्थसिद्धि प्राप्ति अर्थं श्रीमहालक्ष्मी, तद् अंगत्वेन निर्विघ्न अर्थं गणपति आदि देवानां पू‍‍‍‍‍‍जनञ्च करिष्ये।
अब सभी वस्तुओं को भूमि पर छोड़ दें ।

श्री गणेशाम्बिका पूजन

हाथ में पुष्प लेकर गणेशम्बिका का ध्यान करें:-
एकदन्तं शूर्पकर्णं गज्वक्त्रं चतुर्भुजम्।
पाशाङ्कुशधरं देवं ध्यायेत् सिद्धिं विनायकम्।
हेमाद्रि तनयां देवीं वरदां शंकरप्रियाम्।
लम्बोदरस्य जननीं गौरीम् आवाहयामि अहम्।
गणेशाम्बिकाभ्यां नम:
गणेश अम्बिका पर पुष्प एवं ताम्बूल अर्पित करें
॥ इति श्री गणेशाम्बिका पूजनम्॥

अथ कलश पूजनं

हाथ में पुष्प तथा ताम्बूल लेकर कलश का ध्यान करते हुये निम्न मंत्र का उच्चारण करें :-
नमो नमस्ते स्फटिक प्रभाय
सुश्वेत हाराय सुमंगलाय ।
सुपाश हस्ताया झषासनाय
जलाधिनाथाय नमो नमस्ते ॥
“ॐ अपां पतये वरुणाय नम: ।“
कलश पर पुष्प एवं ताम्बूल छोड़ें ।
॥इति कलश पूजनं॥

अथ ओंकारादि पूजनं

ध्यान-हाथ में पुष्प लेकर नमस्कार करें :-
ओंकारं बिन्दुसंयुक्तं नित्यं ध्यायन्ति योगिन: ।
कामदं मोक्षदं चैव ओंकाराय नमो नम: ॥
पुष्प एवं ताम्बूल ॐ के ऊपर छोड़ दें।
पुष्प हाथ में लेकर श्री का ध्यान करें ।
ॐ श्रीश्च ते लक्ष्मी:च पत्न्या वहोरात्रे
पार्श्वे नक्षत्राणि रूपम अश्विनौ व्यात्तम्।
इष्णन्निषाणामुंम इषाण
सर्वलोकं म इषाण॥
पुष्प श्री के ऊपर छोड़ दें ।
हाथ में पुष्प लेकर अलग अलग ब्रह्मा,विष्णु एवं शिवजी का ध्यान करें :-
पद्योनिं चतूर्मुर्तिं वेद्गर्भं पितामहम्।
आवाहयामि ब्रह्माणं यज्ञसंसिद्धि हेतवे॥
ओम् भूर्भूव: स्व: ब्रह्मणे नम:।
पुष्प ब्रह्मा जी को समर्पित करें ।
शंखचक्र गदा पद्म हस्तं गरुड़ वाहनम्।
किरीट कुण्डलधरं विष्णुं आवाहयामि अहं॥
ओम् भूर्भूव: स्व: विष्णवे नम:।
पुष्प विष्णु जी को समर्पित करें ।
त्रिनेत्राय नम: तुभ्यं उमादेहार्ध धारिणे।
त्रिशूल धारिणे तुभ्यं भूतानां पतये नम:॥
ओम् भूर्भूव: स्व: रुद्राय नम:।
पुष्प शिव जी को समर्पित करें ।
हाथ में पुष्प लेकर सर्प देवता का ध्यान करें :-
नमोऽस्तु सर्पेब्भ्यो ये के च पृथ्वीमनु।
येअन्तरिक्षे ये दिवितेभ्य: सर्पेभ्यो नम:॥
पुष्प सर्प देवता को समर्पित करें ।
॥ इति पंचोंपचार पूजनम्॥

अथ षोडशमातृका पूजनं

हाथ में पुष्प लेकर षोडशमातृका का ध्यान करें:-
गौरी पद्मा शची मेघा सावित्री विजया जया।
देवसेना स्वधा स्वाहा मातरो लोक मातर:॥
धृति: पुष्टि: तथा तुष्टि: आत्मन: कुलदेवता:।
गणेशेन अधिके हि एता वृद्धौ पूज्या:तु षोडश॥
हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हुए षोडशमातृका पर पुष्प एवं ताम्बूल समर्पित करें ।
॥ इति षोडशमातृका पूजनं ॥

अथ सप्तघृतमातृका पूजनं

हाथ जोड़कर दिये हुए मंत्र को उच्चरित करते हुए सप्तघृतमातृका पर पुष्प एवं ताम्बूल अर्पित करें ।
श्री लक्ष्मी: धृति: मेघा स्वाहा प्रज्ञा सरस्वती॥
माङ्गल्येषु प्रपूज्यन्ते सप्तैता घृतमामर: ॥

अथ नवग्रह पूजनं

हाथ मे पुष्प लेकर दिये हुए मंत्र को उच्चरित करते हुए नवग्रह पर पुष्प एवं ताम्बूल अर्पित करें ।
ब्रह्मामुरारि: त्रिपुरान्त कारी
भानु: शशी भूमिसूतो बुधश्च।
गुरू:च शुक्र: शनिराहुकेतव:
सवें ग्रहा: शान्तिकरा भवन्तु॥

श्री महालक्ष्मी पूजनं

ध्यानं – हाथ में पुष्प लेकर माँ लक्ष्मी का ध्यान करते हुये निम्न मंत्र का उच्चारण करें:- 

या सा पद्म आसन स्था विपुलकटितटी पद्मपत्रायताक्षी।
गम्भीर आवर्त्तनाभि:स्तन भरनमिता शुभ्रवस्त्र उत्तरीया॥
या लक्ष्मी: दिव्य रूपै: मणिगणखचितै: स्नापिता हेमकुम्भै:।
सा नित्यं पद्महस्ता मम वस्तु गृहे सर्वमांगल्ययुक्ता ।।
श्री महालक्ष्म्यै नम:। ध्यानम् समर्पयामि॥
पुष्प माँ लक्ष्मी के चरणों में छोड़ दें ।

आवाहनं-

हाथ में अक्षत लेकर दिये गये मंत्र को पढ़ते हुए माँ लक्ष्मी का आवाहन करें और अक्षत को माँ के चरणों में छोड़ दें ।
ॐ सर्वलोकस्य जननीं सर्वसौख्य प्रदायिनीम्।
सर्व देवमयी ईशां देवीम् अवाहयामि अहम्॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। आवाहयामि॥ स्थापयामि॥

आसनं-

दाएँ हाथ मे पुष्प लेकर दिये गये मंत्र का उच्चारण करें :-
ॐ तप्त कांचन वर्णाभं मुक्तामणि विराजितम्।
अमलं कमलं दिव्यम् आसनं प्रतिगृहृताम्।
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। आसनं समर्पयामि ॥
आसन के रूप में पुष्प महालक्ष्मी के पास छोड़ दें ।

पाद्यं-

पंचपात्र में से एक चम्मच जल लेकर मंत्र का उच्चारण करें -
ॐ गंगादितीर्थं संभूतं गंधपुष्पादिभि:युतम्।
पाद्यं ददामिअहं देवि गृहाण आशु नमोऽस्तुते॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। पादयोर्पाद्यम् समर्पयामि ॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। पाद्यम् समर्पयामि ॥
और यह जल मूर्ति के आगे या माँ लक्ष्मी के चित्र को दिखा कर चांदी के सिक्के पर (चरण धोने के लिए) समर्पित करें ।

अर्घ्यं-

एक अर्घा में गंध,अक्षत,पुष्प लेकर दिये हुए मंत्र का उच्चारण करें -
ॐ अष्ट्गंध समायुक्तं स्वर्ण पात्र प्रपूरितम्।
अर्घ्यं गृहाण मत्द तं महालक्ष्म्यै नमोऽस्तुते ॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। हस्तयो: अर्घ्यम् समर्पयामि ॥
अर्घ्य मूर्ति के आगे अथवा माँ के चित्र को दिखा कर चांदी के सिक्के पर समर्पित करें ।

आचमनं-

चम्मच में थोड़ा जल लेकर दिये हुए मंत्र को बोलते हुए -
ॐ सर्वलोकस्य या शक्ति: ब्रह्म
विष्णु: आदिभि: स्तुता।ददामि आचमनं तस्यै
महालक्ष्म्यै मनोहरम्।
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। आचमनीयं जलं समर्पयामि ॥
यह जल माँ के चरणों मे छोड़ दें ।

स्नानं-

लक्ष्मी की मूर्ति को या चित्र को अथवा चांदी के सिक्के को गंगाजल से स्नान करवाएं। एक पात्र में जल लेकर दिये हुए मंत्र को बोलते हुए -
ॐ मन्दाकिन्या: समानीतै: हेम अम्भोरूह वासितै:
स्नानं कुरुष्व देवेशि सलिलै:च सुगंधिभि:॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। स्नानं समर्पयामि ॥
जलं समर्पयामि॥
स्नान के लिये महालक्ष्मी को जल समर्पित करें।
फिर आचमन के लिये पुन: आचमन मंत्र के साथ जल समर्पित करें ।
आचमनीयं जलं समर्पयामि ॥

पंचामृत स्नानं-

एक पात्र में दूध,दही,घी,शहद,शर्करा(शक्कर) मिलाकर पंचामृत बनायें। अब इस पंचामृत को चम्मच में लेकर माँ लक्ष्मी को स्नान करायें और साथ मे मंत्र का उच्चारण करें ।
पयो दधि घृतं चैव मधुशर्करा अन्वितम्।
पंचामृतं मयानीतं स्नानार्थं प्रतिगृहृताम ।
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। पंचामृत स्नानं समर्पयामि ॥

शुद्धोदक-स्नान –

अब शुद्ध जल लेकर दिये हुए मंत्र को बोलते हुए -
ॐ तोयं तव महादेवि। कर्पूर अगरूवासितम्।
तीर्थेभ्य: सुसमानीतं स्नानार्थं भक्तवत्सले॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। शुद्धौदक स्नानं समर्पयामि ॥
शुद्ध जल से स्नान करायें ।

वस्त्रं-

वस्त्र (वस्त्र ना हो तो मौली तोड़कर) हाथ में ले तथा मंत्र पढ़ते हुए -
ॐ दिव्याम्बरं नूतनं हि क्षौमं तु अति मनोहरम्।
दीयमानं मया देवि गृहाण जगदम्बिके॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। वस्त्रं समर्पयामि ॥
वस्त्र समर्पित करें ।
आचमन के लिये आचमन मंत्र के साथ जल समर्पित करें ।
आचमनीयं जलं समर्पयामि ॥

उपवस्त्रं-

मौली तोड़कर हाथ में ले तथा मंत्र बोलते हुए माँ को उपवस्त्र समर्पित करें ।
कंचुकीउपवस्त्रं चा नानारत्नै: समन्वितम्।
गृहाण त्वं मया दत्तं मंगले जगत् ईश्वरि॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। उपवस्त्रं समर्पयामि ॥
आचमन के लिये आचमन मंत्र के साथ जल समर्पित करें ।
आचमनीयं जलं समर्पयामि ॥
गंधं- एक पात्र में केसर वाला चंदन लें ।
श्रीखण्डागुरु कर्पूर मृगनाभि समन्वितम्।
विलेपनं गृहाण आशु नमोऽस्तु भक्त वत्सले ॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। गंधं समर्पयामि ॥
अनामिका अंगुली (दाएं हाथ की छोटी अंगुली के साथ वाली अंगुली ) से केसर वाला चंदन अर्पित करें ।

सिंदूरं- हाथ मे सिंदूर की डिब्बी लें ।
ॐ सिंदूरं रक्तवर्णं च सिंदूर तिलकप्रिये ।
भक्त्यार दत्तं मया देवि सिंदूरं प्रतिगृहृताम्।
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। सिंदूरं समर्पयामि ॥
सिंदूर समर्पित करें ।

कुंकुमं-एक पात्र में कुंकुम (गुलाल) लें ।
ॐ कुंकुमं कामदं दिव्यं कुंकुमं कामरूपिणम्॥
अखण्डकाम सौभाग्यं कुंकुमं प्रतिगृहृताम
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। कुंकुमं समर्पयामि ॥
महालक्ष्मी को कुंकुम समर्पित करें ।

अक्षतं-हाथ में साबुत चावल लें,थोड़ा चंदन मिलाएं।
ॐ अक्षतान् निर्मलान् शुभ्रान् मुक्तामणि समन्वितान् ।
गृहाण इमांमहादेवि ! देहि मे निर्मलां धियम्।
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। अक्षतान् समर्पयामि ॥
अक्षत समर्पित करें ।
पुष्पं- पुष्प हाथ में लें ।
ॐ मन्दार पारिजाता द्या: पाटली केतकी तथा।
मरूवा मोगरं चैव गृहाण आशु नमो नम:॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। पुष्पं समर्पयामि ॥
पुष्प खड़े होकर समर्पित करना चाहिये । सम्भव हो तो लाल कमल का पुष्प समर्पित करें।लाल कमल माँ लक्ष्मी को अधिक प्रिय है।

पुष्पमाला – दोनों हाथं में पुष्पमाला लें ।
ॐ पद्म शंख जवापुष्पै: शतपत्रै:विचित्रिताम्।
पुष्पमालां प्रयच्छामि गृहाण त्वं सुरेश्वरि
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। पुष्पमालां समर्पयामि ॥
सम्भव हो तो देवी को लाल कमल से बनी हुई पुष्पमाला समर्पित करें।

दूर्वादलं (दूब की गुच्छी)-
ॐ विष्णु आदि सर्वदेवानां प्रियां सर्वसुशोभनाम्।
क्षीरसागर सम्भूते दूर्वा स्वीकुरू सर्वदा॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। दूर्वाङ्कुंरान् समर्पयामि ॥
महालक्ष्मी को दूब समर्पित करें।

अतर (इत्र)-इत्र की शीशी लें ।
ॐ स्नेहं गृहाण स्नेहेन लोकेश्वरि ! दयानिधे! ।
सर्वलोकस्य जननि ! ददामि स्नेहम् उत्तमम्।
ॐ महालक्ष्म्यै नम:। सुगंधिद्रव्यम् समर्पयामि ॥ अब माँ को इत्र समर्पित करें।

अंगपूजनं
हाथ में रोली,कुंकुम,अक्षत( सफेद चावल) एवं पुष्प लेकर, दिये हुए मंत्र को पढ़ते हुए ,अंग पूजा करें ।
ॐ चपलायै नम:,पादौ पूजयामि । ( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ चंचलायै नम:,जानुनी पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ कमलायै नम:,कटिं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ कात्यायन्यै नम:,नाभिं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ जगत्मायत्रे नम:,जठरं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ विश्ववल्लभायै नम:,वक्ष: स्थलं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ कमलवासिन्यै नम:,हस्तौ पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ पद्माननाये नम:,मुखं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ कमलपत्राक्ष्यै नम:,नेत्रत्रयं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ श्रियै नम:,शिर: पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
ॐ महालक्ष्म्यै नम:,सर्वांगं पूजयामि ।( हाथ के रोली,पुष्प आदि समर्पित करें )
॥ इति अंग पूजा ॥ 

अष्ट सिद्धि पूजनं
अष्ट्सिद्धि पूजा के समय ध्यान रखें कि आप पूजन का चढ़ावा ( अक्षत - सफेद चावल) से, दिये हुए मंत्र को पढ़ते हुए )पूर्वादिक्रमेण से (पूर्व से दाईं ओर ) आरम्भ करें । अर्थात् पूर्व कोना,दाएं कोना,दक्षिण कोना,उत्तर कोना।
ॐ अणिम्ने नम: पूर्व कोना
ॐ महिम्ने नम: पूर्व-दक्षिण कोना
ॐ गरिम्णे नम: दक्षिण कोना
ॐ लघिम्ने नम: दक्षिण-पश्चिम कोना
ॐ प्राप्त्यै नम: पश्चिम कोना
ॐ प्राकाम्यै नम: ऊपर की ओर
ॐ ईशितायै नम: उत्तर कोना
ॐ वशितायै नम: चक्राकार
॥ इति अष्ट्सिद्धि पूजनम् ॥ 
अष्ट महालक्ष्मी पूजनं
(पूर्वादि क्रम से से) कुमकुम,चावल और पुष्प एक-एक नाम मंत्र पढ़ते हुए आठों लक्ष्मियों का पूजन करें ।
ॐ आद्यलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ विद्यालक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ अमृतलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ कामलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ सत्यलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ भोगलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
ॐ योगलक्ष्म्यै नम: कुमकुम,चावल और पुष्प चढाएँ
॥ इति अष्ट्लक्ष्मी पूजनम् ॥
धूपं- धूप जला कर धूप तैयार करें ।
ॐ वनस्पति रस:उत्पन्नो गंधाढ्य: सुमनोहर:।
आघ्रेय: सर्व देवानां धूप: अयं प्रतिगृहृताम् ॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम: धूपं आघ्रापयामि।
महालक्ष्मी को धूप समर्पित करें ।

दीपं--देशी घी तथा रूई की बत्ती से दीपक प्रज्वलित करें।
ॐ कार्पासवर्त्ति संयुक्तं घृतयुक्तं मनोहरम्।
तमोनाशकरं दीपं गृहाण परमेश्वरि॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम: दीपं दर्शयामि।
महालक्ष्मी को दीपक मंगल कामना के साथ समर्पित करें ।
अब आप शुद्ध जल से हाथ धो लें ।

नैवैद्यम्- देवी की संतृप्ति के लिये मिठाई,गुड़,साबुत धनिया,एवं भोग एक पात्र में लें। गणेश जी के भोग के लिये लड्डु रखें ।
मंत्र उच्चारण के साथ गणेश जी को लड्डु समर्पित करें।उसके बाद हाथ और मुख धोने के लिये जल समर्पित करें ।
ॐ श्री गणेशाय नम: नैवेद्यम् समर्पयामि।
मध्ये पानीयम् उत्तरपोशनार्थ,हस्तप्रक्षालनार्थं
मुख प्रक्षालनार्थं च जलं समर्पयामि।

मंत्र उच्चारण के साथ लक्ष्मी जी को भोग समर्पित करें।उसके बाद हाथ और मुख धोने के लिये जल समर्पित करें ।
नैवेद्यं गृहृताम् देवि भक्ष्यभोज्य समन्वितम्।।
षडरसै: अन्वितम् दिव्यं लक्ष्मि देवि नम: स्तुते ॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम: नैवेद्यम् समर्पयामि।
मध्ये पानीयम् उत्तरपोशनार्थ,हस्तप्रक्षालनार्थं
मुख प्रक्षालनार्थं च जलं समर्पयामि।
भोग अर्पित करने के बाद एक-एक चम्मच जल पाँच बार अलग-अलग श्री गणेश और लक्ष्मी जी को समर्पित करते हुए मंत्र बोलें
1. ॐ प्राणाय स्वाहा
2. ॐ अपानाय स्वाहा
3. ॐ व्यानाय स्वाहा
4. ॐ उदानाय स्वाहा
5. ॐ समानाय स्वाहा

करोद्धर्तनं- केशर युक्त चंदन एक पात्र में लें ।
“ॐ महालक्ष्म्यै नम:” यह कह कर करोद्धर्तन के लिये श्री महालक्ष्मी के दोनों हाथों में चंदन उपलेपित करें (लगाएँ)।
अब भगवती को आचमन करायें ।
आचमनं- चम्मच में जल लें ।
ॐ शीतलं निर्मलं तोयं कर्पूरेण सुवासितम्।
आचम्यतां इदं देवि । प्रसीद त्वं परमेश्वरी ।
ॐ महालक्ष्म्यै नम: । आचमनीयम् जलं समर्पयामि।
मुख शुद्धि के लिये जल समर्पित करें ।

ऋतुफलं – अब माँ को ऋतुफल चढ़ायें ।
ॐ फलेन फलितं सर्व त्रैलोक्यं सचराचरम्।
तस्मात् फलप्रदानेन पूर्णा: संतु मनोरथा: ॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम: । ऋतुफलम् समर्पयामि।
ऋतुफल अर्पित करें तथा आचमन के लिये जल समर्पित करें।
आचमनीयं जलं समर्पयामि।

अखंड ऋतुफलं- अब माँ को पंचमेवा समर्पित करें ।
इदं फलंमयानीतं सारसं च निवेदितम्।
गृहाण परमेशानि प्रसीद प्रणम्यामि अहम्।
ॐ महालक्ष्म्यै नम: । अखण्डऋतुफलम् समर्पयामि।
अखण्ड ऋतुफल अर्पित करें तथा आचमन के लिये जल समर्पित करें।
आचमनीयं जलं समर्पयामि।

ताम्बूलं(पूंगीफल)- ताम्बूल (पान के पत्ते) को उल्टा करके उस पर लौंग,इलायची,सुपारी एवं कुछ मीठा रखें।
ॐ एलालवंग कर्पूर नागपत्रादिभि: युतम्।
पूगीफलेन संयुक्तं ताम्बूलं प्रतिगृहृताम् ॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम: । मुखावासार्थे ताम्बूलं समर्पयामि।
महालक्ष्मी को मुख शुद्धि के लिये ताम्बूल अर्पित करें ।

द्र्व्यदक्षिणां- श्रद्धानुसार पैसा- रूपया हाथ में लें ।
ॐ हिरण्यगर्भगर्भस्थं हेमबीजं विभावसो:।
अनन्तपुण्य फलदमत: शान्तिं प्रयच्छ मे ॥
य: शुचि:प्रयतो भूत्वा जुहुयात् आज्य मन्वहम्।
सुक्तं पञ्ज्दशर्च च श्रीकाम: सततं जपेत्।
ॐ महालक्ष्म्यै नम: । द्रव्यदक्षिणां समर्पयामि।
दक्षिणा समर्पित करें ।पूजनोपचार में त्रुटि,अनन्त पुण्य प्राप्ति तथा शान्ति के लिये महालक्ष्मी को यथाशक्ति दक्षिणा समर्पित करें।

प्रार्थनां:- दोनों हाथ जो‌ड़ कर प्रार्थना करें :-
सुरासुरेन्द्र आदि किरीट मौक्तिकै:
युक्तं सदा यत् तव पादपङ्कजम्।
परावरं पातु वरं सुमंगलं
नमामि भक्त्या अखिल कामसिद्धये॥
भवानि त्वं महालक्ष्मी: सर्वकाम प्रदायिनी।
सुपूजिता प्रसन्ना स्यात् महालक्ष्मि नम: स्तुते॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम:
प्रार्थनापूर्वकं नमस्कारान् समर्पयामि ॥
प्रार्थना करते हुए नमस्कार करें ।
व्यापारी वर्ग के लिए
अथ श्री महाकाली (दवात) पूजनम्
श्री हनुमान जी के सिंदूर मे देशी घी मिलाकर घोल बनाएं। स्याही से भरी दवात को माँ महालक्ष्मी के सामने पुष्प तथा अक्षत पुंज पर रखकर, घोल से दवात पर स्वास्तिक 卐 बनाएं और मौली बाँध दें ।

ध्यान – पुष्प हाथ में ले कर ध्यान करें -
कालिके! त्वं जगन्मात:मषिरूपेण वर्तसे।
उत्पन्ना त्वं च लोकानां व्यवहारप्रसिद्धये ॥
पुष्प दवात पर छोड़ दें ।
॥ इति श्री महाकाली पूजनम्॥

अथ लेखनी पूजनम्
कलम (पैन) पर मौली बाँध कर सामने रख लें,फिर दिये हुए मंत्र से ध्यान करें ।
ध्यान –
शुक्लां ब्रह्मविचारसार परमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा पुस्तक धारिणीम्अभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्म आसने संस्थितां।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
“ ॐ लेखन्यै देव्यै नम:” इस मंत्र को उच्चारण करते हुए गंध,पुष्प,अक्षत आदि से कलम की पूजा करें ,फिर (दाएं) हाथ में चावल व पुष्प लेकर प्रार्थना करें व चावल को लेखनी पर समर्पित करें ।
॥ इति लेखनी पूजनम्॥

अथ सरस्वती (पञिजक- बही खाता) पूजनम्
प्रार्थना- हाथ में पुष्प लें। सरस्वत्यै नम: कहकर और दिये हुए मंत्र को बोलते हुए ,पुष्प बही-खाते पर छोड़ दें।
ॐ शारदा शारदाम्भोजवदना वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदाअस्माकं सन्निधिं सन्निधिं क्रियात्।
वीणापुस्तकधारिण्यै श्रीसरस्वत्यै नम:।
॥ इति पञ्जिका पूजनम्।।
माँ लक्ष्मी के आगे एक लाल वस्त्र बिछायें; उस पर हल्दी,धनिया,कमलगट्टा,द्रव्य,दूर्वा रखें । अब धूप, दीप,अ‍क्षत,रोली एवं चंदन से पूजा करें ।बाँध कर थैली बना लें ।
प्रार्थना- हाथ में चावल और फूल लेकर प्रार्थना करें और चावल तथा पुष्प तिजोरी में छोड़ें ।
धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्म अधिपाय च ।
भगवन् त्वत् प्रसादेन धनधान्य आदिसम्पद:॥
प्रार्थना कर पूर्वपूजित हल्दी,धनिया,कमलगट्टा,द्रव्य,दूर्वादि से युक्त थैली तिजोरी में रखें
॥ इति कुबेर पूजनम्॥

तुला तथा मानपूजनम्
सिंदूर से तराजू आदि पर स्वास्तिक बना लें।गंध,अक्षत ,पुष्प लेकर ध्यान करें-
नमस्ते सर्व देवानां शक्तित्वे सत्य माश्रिता।
साक्षीभूता जगद्धात्री निर्मिता विश्व योनिना॥
ओम् तुला अधिष्ठातृ देवतायै नम:
कहकर पुष्पादि तराजू आदि पर छोड़ दें।
॥ इति तुला तथा मानपूजनम्||

अथ दीपमालिका (दीपक) पूजनम्:-
किसी थाली या परात में 11,21,31,51 या इससे अधिक दीपकों को प्रज्वलित कर महालक्ष्मी के पास रखें तथा “ॐ दीपावल्यै नम:” इस नाम-मंत्र से गंधादि(गंध,चावल,पुष्प) द्वारा दीप ज्योति का पूजन कर प्रार्थना करें ।

प्रार्थना-
भो दीप त्वं ब्रहरूप हि अन्धकार निवारक ।
इमां मया कृतां गृहण् तेज: प्रवर्धय ॥

अपने कुलाचार (कुल-परम्परा) के अनुसार रंगोली बनाएं,धान का लावा(खील) ,फल,ईख,पानीफल इत्यादि पदार्थ दीपज्योति,गणेश,महालक्ष्मी तथा आवाहित सभी देवी-देवताओं को समर्पित करें। अंत में सभी प्रज्वलित दीपकों को सम्पूर्ण गृह में रखें। दीपक इस प्रकार रखें की घर का प्रत्येक कोना रोशन हो ।
॥इति दीपमालिका पूजनम्॥

गणेश आरती:- एक थाली में स्वास्तिक चिन्ह बनाकर अक्षत तथा पुष्प बिछा कर विषम संख्या में बत्ती तथा किसी पात्र में कपूर प्रज्वलित कर आसन पर खड़े होकर सपरिवार, घण्ट-नाद (बजाते) करते हुए सर्वप्रथम गणेश जी की आरती करें :-
श्री गणेश जी की आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी ।
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी ॥
॥ जय गणेश, जय गणेश, .. ॥
पान चढ़ें, फूल चढ़ें और चढ़ें मेवा ।
लडुअन को भोग लगे, संत करे सेवा ॥
॥ जय गणेश, जय गणेश, .. ॥
अंधें को आँख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
॥ जय गणेश, जय गणेश, .. ॥
दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी
कामना को पूरा करो, जग बलिहारी॥
॥ जय गणेश, जय गणेश, .. ॥
जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा
सूरश्याम शरण आये, सफल किजै सेवा॥
॥ जय गणेश, जय गणेश, .. ॥

प्रधान आरती:- गणेश आरती के बाद सपरिवार, घण्ट-नाद (बजाते) करते हुए श्री महालक्ष्मी जी की आरती करें :-
श्री लक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु धाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, तहँ सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
आरती के बाद हथेली में थोड़ा जल लेकर आरती की थाली के चारों ओर तीन बार घुमाकर उपस्थित व्यक्तियों पर हथेली का जल छिड़क दें।तत्पश्चात् सभी देवों को आरती दें। अब तीन बार दोनों हाथों से आरती की ज्योती को छू कर अपने सिर पर आशीष के रूप में लगायें ।सभी उपस्थित व्यक्तियों को आरती दें ।
मंत्र-पुष्पाञजलि
दोनों हाथों की अंजली में पुष्प भर कर ,हाथ जोड़ कर, दिये हुए मंत्र से ,पुष्प श्री महालक्ष्मी को समर्पित करें ।
ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च
धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।
ॐ महालक्ष्म्यै नम: ,मंत्र पुष्पाञ्जलिं समर्पयामि ।
हाथ में लिए फूल महलक्ष्मी को अर्पित करें ।

प्रदक्षिणां – हाथों में पुष्प लेकर हाथ जोड़ें –
यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च ।
तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिण पदे पदे ॥
ॐ महालक्ष्म्यै नम: ,प्रदक्षिणां समर्पयामि ।
एक प्रदक्षिणा करें । पुष्प महालक्ष्मी को समर्पित करें ।

विसर्जनं- हाथ में अक्षत लेकर मंत्र पढ़े :-
यान्तु देवग़णा: सर्वे पूजाम् आदाय मामकीम्।
इष्ट कामसमृद्धि अर्थं पुन:आगमनाय च ॥
गणेश-लक्ष्मी जी की मूर्तियों को छोड़कर,आवाहित एवं स्थापित सभी देवी- देवताओं पर अक्षत एवं पुष्प समर्पित करें ।
॥ इति श्रीमहालक्ष्मी षोडशोपचार पूजनम्॥

॥ ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ।।

महालक्ष्मी जी से क्षमा प्रार्थना के लिए –
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वरि ॥
मन्त्रहीन क्रियाहींन भक्तिहीनं सुरेश्वरि ।
यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे॥
त्वमेव माता च पिता त्वमेव ।
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ॥
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव ।
त्वमेव सर्वं मम देवदेव्॥
अथ महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रम् इंद्र उवाच –
नमस्ते अस्तु महामाये श्री पीठे सुरपूजिते ।
शंखचक्र गदाहस्ते महालक्ष्मि नम: अस्तुते ॥
नमस्ते गरुड- आरुढ़े कोलासुर भयंकरि।
सर्वपाप हरे देवि महालक्ष्मि नम: अस्तुते ॥
सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्ट भयंकरि।
सर्वदु:ख हरे देवि महालक्ष्मि नम: अस्तुते॥
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवि भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि ।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नम: अस्तुते ।।
आद्यान्त रहिते देवि महाशक्ति महेश्वरि ।
योगजे योग सम्भूते महालक्ष्मि नम: अस्तुते॥
स्थूल सूक्ष्म महारौद्रे महाशक्ति महोदरे।
महापाप हरे देवि महालक्ष्मि नम: अस्तुते॥
पद्म आसन स्थिते देवि पर ब्रह्म स्वरूपिणि ।
परमेशि जगन्मात: महालक्ष्मि नम: अस्तुते॥
श्वेत अम्बरधरे देवि नाना अलंकारभूषिते।
जगस्थिते जगत्मात: महालक्ष्मि नम: अस्तुते ॥
महालक्ष्मी अष्टकं स्तोत्रं य: पठेद् भक्ति मान्नर:।
सर्वसिद्धिं अवाप्नोति राज्यम् आप्नोति सर्वदा ॥
एककालं पठेत् नित्यं महापाप विनाशनम्।
द्विकालं य: पठेत् नित्यं धन-धान्यसमन्वित: ॥
त्रिकालं य: पठेत् नित्यं महाशत्रु विनाशनम्।
महालक्ष्मी: भवेत् नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा॥
इतीन्द्र कृतं महालक्ष्म्यष्टक स्तोत्रं सम्पूर्णम्।
अथ श्री सूक्तम्
ॐ हिर्ण्यवर्णां हरिणीं सुवर्ण रजत स्त्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह ॥
तां म आ वह जातवेदो लक्ष्मी मनप गामिनीम्।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरूषानहम्॥
अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनाद प्रमोदिनीम्।
श्रियं देवीम उपहृये श्री: मा देवी जुषताम्॥
कांसोस्मितां हिरण्य प्राकाराम आर्द्रा
ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम्।
पद्मे स्थितां पद्मवर्णां तामिहोप हृये श्रियम्॥
चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टाम् उदाराम्।
तां पद्मनेमी शरणं प्रपद्ये
अलक्ष्मी: मे नश्यतां त्वां वृणोमि ॥
आदित्यवर्णे तपसो: अधिजातो वनस्पति: तव वृक्ष: अथबिल्व:।
तस्य फलानि तपसा नुदन्तु मायान्तराया: चबाह्या अलक्ष्मी: ॥
उपैतु मां देव सख: किर्तिश्च मणिना सह ।
प्रादुर्भूत: अस्मिराष्ट्रे अस्मिन् किर्तिमृद्धिं ददातु मे॥
क्षुत्पिपासामलां ज्येषठाम् अलक्ष्मीं नाशयामि अहम्।
अभूतिमसमृद्धिं च सर्वां निर्णुद मे गृहात्॥।
गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम्।
ईश्वरीं सर्वभूतानां तामिहोपहृये श्रियम्॥
मनस: काम माकूतिं वाच: सत्य मशीमहि।
पशुनां रूप मन्नस्य मयि श्री: श्रयतां यश:॥
कर्दमेन प्रजा भूता मयि सम्भव कर्दम ।
श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्म मालिनीम्।।
आप: सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे।
नि च देवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले॥
आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिंगलां पद्म मालिनीम्।
चन्द्रां हिरण्यमयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥
आर्द्रां य: करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम्।
सुर्याहिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥
तां म आवह जातवेदो लक्ष्मी मनप गामिनीम्।
यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो
दास्य: अश्वान् विन्देयं पुरूषा नहम्॥
य: शुचि: प्रयतो भूत्वा जुहुयात् आज्य मन्वहम्।
सूक्तं पञ्चदशर्चं च श्रीकाम: सततं जपेत्॥
॥ इति श्री सूक्तम्॥

लक्ष्मी वंदना
वन्दे लक्ष्मीं परशिवमयी शुद्धजाम्बू नदाभां
तेजोरूपां कनक वसनां सर्वभूषो ज्ज्वलांगीम्।
बीजापूरं कनक कलशं हेमपद्मं दधाना
माद्यांशक्तिं सकल जननीं विष्णुवामांक-संस्थाम्।
समस्त भूतान्तर संस्थिता त्वं
समस्त भोक्त्रीश्वरि विशवरूपे ।
तत् नास्ति यत् त्वद्व्यतिरिकत्वस्तु
त्वत् पादपद्मं प्रणमामि अहं श्री: ॥
जयतु जयतु लक्ष्मी: लक्षणा: अलंकृतांगी
जयतु जयतु पद्मा पद्म सद्माभि वंद्या ।
जयत जयतु विद्या विष्णु वामांक संस्था
जयतु जयतु सम्यक् सर्वसम्पत् करी श्री: ॥
धनदे धनदे देवि दानशील दयाकरे ।
त्वं प्रसीद महेशानि । यदर्थ प्रार्थयामि अहम्॥
भवानि त्वं महालक्ष्मी : सर्वकाम प्रदायिनी ।
सूपूजिता प्रसन्ना स्यात् महलक्ष्मि नम: स्तुते ॥
॥ इति श्री लक्ष्मी पूजनम ॥