Amritsar Train Accident : मरते-मरते यूं 'रावण' ने बचाई कइयों की जान, पीछे छोड़ गया विधवा मां, पत्नी और 8 महीने का मासूम - .HIGH SPEED

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Amritsar Train Accident : मरते-मरते यूं 'रावण' ने बचाई कइयों की जान, पीछे छोड़ गया विधवा मां, पत्नी और 8 महीने का मासूम

Amritsar Train Accident : मरते-मरते यूं 'रावण' ने बचाई कइयों की जान, पीछे छोड़ गया विधवा मां, पत्नी और 8 महीने का मासूम
Amritsar Train Accident: अमृतसर में दशहरे के दिन बहुत बड़ा ट्रेन हादसा हुआ. इस दौरान रामलीला देखने आए कई लोगों को दो ट्रेनों ने अपनी चपेट में ले लिया. कोई अपने बच्चों के साथ इस मेले में पहुंचा था तो कोई अपने माता-पिता के साथ यहां रावण वध देखने आया था, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह उनकी ज़िंदगी की आखिरी रामलीला होगी और रावण वध के साथ-साथ वह खुद भी अपनी जान गवां बैठेंगे. वहीं, इस हादसे की चपेट में सिर्फ दर्शक ही नहीं बल्कि खुद रावण का किरदार निभा रहे दलबीर सिंह भी आ गए. लोगों की जान बचाते-बचाते दलबीर सिंह खुद भी अपनी जान गवां बैठे. हादसे के कुछ मिनट पहले ही वो रामलीला खत्म कर अपने घर अपने 8 महीने के बेटे से मिलने निकल चुके थे. लेकिन पटरी तक पहुंचते ही उन्होंने ट्रेन के आने की आवाज़ सुनी और घर ना जाते हुए वहां मौजूद लोगों को हटाने लगे. लेकिन उन्हें नहीं मालूम था कि वो इस हादसे में अपने आपको भी नहीं बचा पाएंगे. 

रावण का किरदार निभा रहे दलबीर सिंह अपने 8 महीने के बेटे के साथ
दलबीर की कहानी
24 साल के दलबीर सिंह इस साल अपने मोहल्ले की रामलीला में रावण का रोल निभा रहे थे. दशहरे के दिन जब हादसा हुआ उस वक्त वो रामलीला से निकल पटरी के पास से अपने घर जा रहे थे. तभी उन्होंने जालंधर से तेज़ रफ़्तार में आ रही ट्रेन को देख लिया वो दौड़ कर लोगों को हटने के लिए आवाज़ देते हुए पटरी के पास भागने लगे लेकिन वो ख़ुद ट्रेन की चपेट में आ गए. उनकी मां का कहना है कि उनके बेटे दलबीर ने बहुत बहादुरी वाला काम किया है.


अमृतसर ट्रेन हादसा : मृतकों और घायलों की List हुई जारी, 61 लोगों की मौत और 113 घायल
 
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रावण का किरदार निभा रहे दलबीर सिंह अपने 8 महीने के बेटे के साथ

दलबीर की कहानी
24 साल के दलबीर सिंह इस साल अपने मोहल्ले की रामलीला में रावण का रोल निभा रहे थे. दशहरे के दिन जब हादसा हुआ उस वक्त वो रामलीला से निकल पटरी के पास से अपने घर जा रहे थे. तभी उन्होंने जालंधर से तेज़ रफ़्तार में आ रही ट्रेन को देख लिया वो दौड़ कर लोगों को हटने के लिए आवाज़ देते हुए पटरी के पास भागने लगे लेकिन वो ख़ुद ट्रेन की चपेट में आ गए. उनकी मां का कहना है कि उनके बेटे दलबीर ने बहुत बहादुरी वाला काम किया है.
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दलबीर सिंह की पत्नी अपने 8 महीने के बेटे के साथ

अमृतसर ट्रेन हादसा
पंजाब के अमृतसर (Amritsar Train Accident) में जोड़ा फाटक के पास दशहरे के दिन रावण दहन के दौरान दो ट्रेनों की चपेट में आने से 59 लोगों की मौत हो गई. वहीं, 50 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनमें कुछ की हालत बहुत गंभीर बनी हुई है. बता दें अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार की शाम चल रहे दशहरा(Dussehra 2018) के मौके पर रावण दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी. लोग रेल की पटरियों पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे, तभी अचानक तेज रफ्तार में ट्रेन आई और सैकड़ों लोगों को कुचलती हुई चली गई. भीड़ के चलते लोग खुद को बचाने में नाकामयाब रहे और ट्रेन की चपेट में आ गए.

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