राफेल डील की जांच के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया जिसे मोदी सरकार के लिए बड़ी राहत है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि राफेल डील की जरूरत पर कोई विवाद नहीं है।सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट की निगरानी में जांच वाली याचिका को खारिज कर दी है। इस सिलसिले में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। अदालत ने फैसले में कहा है कि कोई वजह नजर नहीं है कि इस डील में कानूनी तौर पर हस्तक्षेप किया जाए। अदालत ने ये भी कहा कि इसके व्यवसायिक पक्ष में भी किसी तरह की हेराफेरी नहीं हुई है। राफेल सौदे में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि हम सरकार को 126 एयरक्रॉफ्ट्स खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। ये अदालत के लिए उचित नहीं है कि वो इस केस से सभी संबंधित पक्षों का परीक्षण करे। ये अदालत का काम नहीं है कि वो विमान की कीमतों की तुलना करे।
ऑफसेट पार्टनर यानि अनिल अंबानी की कंपनी को ठेका दिये जाने के संबंध में सीजेाई रंजन गोगोई ने कहा कि वो इस विषय में भी हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। जहां तक ऑफसेट पार्टनर का सवाल है तो उस विषय पर हर एक शख्स की अलग सोच हो सकती है। लेकिन इन आधारों पर संवेदनशील रक्षा सौदों में जांच की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
बता दें कि डील के विरोध में याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राफेल को ऊंची कीमतों पर खरीदा जा रहा है जबकि ऐसे कई देश हैं जहां भारत से कम कीमतों पर इन लड़ाकू विमानों की खरीद की गई। इसके साथ अनिल अंबानी की कंपनी को ठेका देने पर भी ऐतराज जताया गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि भारत की ऐसी फर्म को साझीदार बनाया गया है जिसे रक्षा उपकरणों के निर्माण में अनुभव ही नहीं है।
राफेल डील से जुड़ी खास बातें
- इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट से अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई थी।।
- डील में कथित अनियमितता का आरोप लगाया गया था।
- ये पूरी डील 58 हजार करोड़ रुपए की है।
- कांग्रेस इस मुद्दे पर केंद्र सरकार खासतौर से पीएम नरेंद्र मोदी को घेरती रही है।
- सरकार का पक्ष है कि 2013 में यूपीए सरकार के दौरान डील के मसौदे को आगे बढ़ाया गया।
- केंद्र सरकार का कहना है कि नियमों के तहत डील हुई किसी तरह की अनियमितता नहीं
- 36 राफेल विमान खरीदे जाएंगे।
- सरकार के मुताबिक सभी राफेल विमान फ्रांस में ही बनाए जाएंगे।
- नेगोशिएशन कमेटी की 74 बैठकों के बाज कैबिनेट ने इस डील को मंजूरी दी।
- 2002 से करीब 40 फीसद रक्षा सौदे सरकारों के बीच हुए।
- यूपीए सरकार द्वारा फैसले लेने में देरी की वजह से राफेल विमान की कीमतों में इजाफा हुआ।
राफेल डील,नोटबंदी और आरबीआई के मुद्दे पर संसद के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को जबरदस्त हंगामा हुआ था।अलग अलग दलों के नेताओं ने इन मुद्दों पर स्थगन प्रस्ताव दिया था। लेकिन लोकसभा अध्यक्ष की तरफ से उन प्रस्तावों को ठुकरा दिया। शुक्रवार को एक बार फिर कांग्रेस के सांसदों ने इन विषयों पर स्थगन प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।
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